
बजट प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से आम व्यक्ति की जिंदगी में गहरा प्रभाव डालता है। जिसकी जानकारी आम व्यक्ति के लिए आवश्यक होती है। परंतु बजट की क्लिष्टता, आर्थिक प्रावधान, वाणिज्यिक भाषा आदि आम व्यक्ति की समझ से परे होते हैं। उसी तारतम्य में अभ्यास मंडल ने प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी जाल सभगृह बोर्ड रूम में बजट पर चर्चा का आयोजन किया। मध्यप्रदेश विधानसभा में मार्च 2025 को बजट पेश होने के बाद राज्य की आर्थिक नीतियों पर चर्चा के साथ बजट की सरल शब्दों में व्याख्या और उस का जनता की जिंदगी में प्रभाव पर आयोजित इस परिसंवाद में वक्ताओं ने किसानों, युवाओं और महिलाओं के कल्याण के लिए बजट में किए गए प्रावधानों पर विशेष चर्चा हुई। इसके अलावा, अधोसंरचना विकास, औद्योगिक निवेश और शिक्षा के क्षेत्र में प्रस्तावित योजनाओं एवं मेट्रो रीजन के बजट पर भी विचार-विमर्श किया। मुख्य वक्ताओं में अर्थशास्त्री डॉ. जयंतीलाल भंडारी ने अपने उध्बोधन में कहा वर्तमान बजट का 15 प्रतिशत बजट इंदौर के लिए प्रस्तावित है जो अपने आप मे बहुत बड़ी बात है पूरे प्रदेश का 26 प्रतिशत टैक्स इंदौर से शासन को मिलता है। डॉ. गौतम कोठारी कहा हमारा प्रदेश कृषि प्रधान है यहां 40 प्रतिशत जीडीपी कृषि से जबकी उद्योगों का योगदान 19 प्रतिशत है इंदौर मेट्रोपोलीयन ऑथोरटी के लिए अच्छा बजट प्रस्तावित है। जिससे इंदौर की जीडीपी तीन गुना से अधीक बढ़ने की उम्मीद है। सी ए राजेंद्र गोयल ने कहा केंद्र सरकार राजस्व के मामले में ताकतवर है जबकि राजनैतिक विषय राज्यों के पास है। वर्तमान में प्रदेश का चार लाख इकीस हजार करोड़ का बजट है जबकि उतना ही कर्ज सरकार पर है। इंदौर का बजट विभिन्न क्षेत्र से चर्चा कर बनाना चाहिए सरकार ने जो बजट दिया उसे अच्छा मानना ठीक नहीं है, जगदीश वर्मा ने कहा आज के समय मे त्वरित एवं नियोजित आर्थिक निर्णय की जरूरत है आज नवाचार के लिए बजट में अधीक प्रावधान होने चाहिए परिसंवाद में प्रश्नोत्तर के माध्यम से भी श्रोताओं ने अपनी जिज्ञासा शान्त की कार्यक्रम का संचालन वैशाली खरे ने किया आभार डॉ. माला सिंह ठाकुर ने माना वक्ताओं का सम्मान रामेश्वर गुप्ता, अशोक कोठारी ने किया कार्यक्रम में श्यामसुंदर यादव, अजीत सिंह नारंग, प्रो. कुम्भज, अनिल भोजे, राजकुमार काला, स्वप्निल व्यास, मुरली खंडेलवाल, ग्रीष्मा त्रिवेदी उपस्थिति रहे।