इंदौर जिले में पालने में असक्षम या असमर्थ पालकों से बच्चे लेने के लिये बाल कल्याण समिति अथवा बालगृह संस्थाओं में विशेष व्यवस्था है। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं संशोधित अधिनियम 2021 की धारा 35 (1) अंतर्गत कोई माता-पिता या संरक्षक, जो किसी बालक (शिशु) को पालने में असक्षम या असमर्थ है, ऐसे माता-पिता या संरक्षक बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत होकर ऐसे बच्चों (शिशु) को समिति के सुपुर्द देने का प्रावधान हैं। ऐसे माता-पिता या संरक्षक की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाती है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि बाल कल्याण समिति का कार्यालय 53-54 प्रभु नगर बैंक ऑफ बडोदा के ऊपर अन्नूपर्णा रोड राजेन्द्र नगर में है। ऐसे माता-पिता जो बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होना चाहते हैं वे इंदौर में स्थित विभिन्न संस्थाओं में लगे पालनों में बच्चों (शिशु) को बिना अपनी पहचान बताये दें सकते हैं। अभ्यर्पित या पालने में दिये गये बच्चों (शिशु) को केन्द्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण संसाधन नई दिल्ली के माध्यम से पूर्ण वैधानिक प्रकिया से दत्तक ग्रहण पर देने की व्यवस्था है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि इंदौर में 10/3 मुराई मोहल्ला छावनी में राजकीय बाल संरक्षण आश्रम, 54 स्कीम सत्यसांई स्कूल के पीछे एबी रोड पर संजीवनी सेवा संगम शिशु गृह, 159 चिकित्सक नगर बाम्बे हॉस्पीटल के पास सेवा भारती मातृछाया शिशु गृह, 12/5 महात्मा गांधी मार्ग कोठारी मार्केट में श्रद्धानंद बाल आश्रम, 26/2 चैतन्य धाम नंदबाग कालोनी टिगरिया बादशाह में सागर सामाजिक विकास संस्था बालगृह, श्रमिक कालोनी राऊ में जीवन ज्योति बालगृह और 14/2 स्नेहलतागंज लोक शक्ति भवन में लोक बिरादरी ट्रस्ट आश्रय गृह है। इन संस्थाओं में शिशुओं को सुपुर्द किया जा सकता है।
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