हम साया कौम के साथ भाईचारे के साथ रहना चाहिए, एक दूसरे के सुख दुख में शामिल हों, बोले शहर काज़ी

जिस तरह से हमारा इंदौर शहर स्वच्छता में नंबर वन रहा, इसी तरह कोशिश करना चाहिए कि नशा मुक्ति में भी हम अव्वल आए। आज नौजवान नशे की लत में पड़कर अपनी जिंदगी खत्म कर रहा है। हम सब की कोशिश होना चाहिए कि नशा बेचने वाले की खबर पुलिस को दे। ईद फ़ित्रर की नमाज से पहले शहर काज़ी डॉ मोहम्मद इशरत अली ने सदर बाजार ईदगाह पर आवाम को संबोधित करते हुए कहा कि आज समय आ गया है कि हम एकजुट होकर नशा माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाएं। नौजवानों को नशे की लत से छुड़ाना पहली जरूरत है। नशे से परिवार में टूट रहे हैं। शहर काज़ी ने कहा कि देखने में आ रहा है शहर में चारों ओर नशा बिक रहा है और नौजवान पीढ़ी नशे की लत में है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में नशा मुक्ति केंद्र खोले जाना चाहिए जहां पर नशा करने वालों का निशुल्क इलाज किया जाए। शहर काज़ी ने कहा कि अपने अखलाक को अच्छा और बुलंद रखना पड़ेगा। हम साया कौम के साथ भाईचारे के साथ रहना चाहिए। एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होना चाहिए। हम साया कौम से जिस तरह की हमे उम्मीद रहती है। हमें भी वैसा ही सुलूक उनके साथ रखना चाहिए। शहर काजी ने कहा कि समाज में आज छोटी-छोटी बातों पर घर-परिवार बिखर रहे हैं। मामूली बातों को लेकर पुलिस और अदालत के चक्कर लगा रहे हैं। हमे चाहिए कि सभी तरह के मसले समाज में ही सुलझा लिए जाएं। अब तो अदालतें भी हर समाज में सुलाहा सेंटर खोल रही है। हमें इन सेंटरों पर अपने मसले सुलझाकर समय और पैसे की बर्बादी से बचना चाहिए। इंदौर में मुस्लिम समाज के सात सेंटर चल रहे हैं। यहां पर हाई कोर्ट द्वारा प्रशिक्षित मध्यस्थ मामलों को सुलझा रहे हैं। शहर काजी ने कहा कि लड़की और महिलाओं के लिए सिलाई केंद्र खोला गया है। ईदगाह कमेटी इस केंद्र को संचालित कर रही है। इस केंद्र में प्रशिक्षित शिक्षिका महिलाओं और लड़कियों को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई आदि का निशुल्क प्रशिक्षण दे रही है। आवाम से गुजारिश है वो इस सिलाई केंद्र का फायदा उठाएं। शहर काजी ने कहा कि पानी की हिफाजत करना जरूरी है। भूजल स्तर गिर रहा हैं। आने वाले समय में पानी की किल्लत हो सकती है इसलिए पानी की हिफाजत करें और जरूरत के हिसाब से ही उपयोग करें।

शाही बग्घी में बैठा कर लाए ईदगाह

मुस्लिम समाज आज ईदुल फित्र का त्यौहार हर्षोउल्लास के साथ मना रहा है। सुबह से ही मुस्लिम बस्तियों में चहल-पहल है। नमाज के लिए शहर काजी को उनके निवास से शाही बग्धी में बैठाकर ईदगाह लाया गया और नमाज के बाद ससाम्मन घर छोड़ा गया। यह जिम्मेदारी 50 सालों से सलवाड़ियां परिवार निभाते आ रहा है। ईद की नमाज के बाद शहर काज़ी को गले मिलकर मुबारकबाद दी और एक दूसरे को भी मुबारकबाद दी। शहर समाज जनों को मुबारकबाद देने के लिए राजनीतिक पार्टियों के कई नेता वह मौजूद रहें। साथ ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने भी मुबारकबाद पेश की।

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